Site icon Batami Times

पेरिस पैरालंपिक्स 2024 में भारत ने जीते चार मेडल-मनीष नरवाल और अवनी लेखरा का कमाल:

paralympics

पेरिस पैरालंपिक्स 2024 में भारत के लिए एक शानदार शुरुआत हुई है। 30 अगस्त, शुक्रवार को भारतीय खिलाड़ियों ने इतिहास रचते हुए चार पदक हासिल किए। इनमें से तीन पदक शूटिंग में और एक स्प्रिंट में जीता गया।

खेलों में भारत का बढ़ता प्रभाव

ओलंपिक और पैरालंपिक दोनों ही खेल भारत के लिए गर्व के पल लेकर आते हैं। इस बार पेरिस पैरालंपिक्स में भारतीय निशानेबाज़ों ने कमाल कर दिखाया। मनीष नरवाल, अवनी लेखरा और मोना अग्रवाल ने शूटिंग के पहले ही दिन पोडियम पर अपनी जगह बना ली।

मनीष नरवाल: हरियाणा का होनहार निशानेबाज़

मनीष नरवाल, हरियाणा के बल्लभगढ़ से आने वाले 22 वर्षीय निशानेबाज़, ने पेरिस पैरालंपिक्स 2024 में 10 मीटर एयर पिस्टल (SH1) श्रेणी में सिल्वर मेडल जीता। यह श्रेणी उन खिलाड़ियों के लिए होती है, जिनके हाथ-पैर या शरीर के निचले हिस्से में कोई शारीरिक चुनौती हो। मनीष के दाहिने हाथ में जन्म से ही एक समस्या है, लेकिन उन्होंने इसे कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। टोक्यो पैरालंपिक्स 2020 में 50 मीटर पिस्टल कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीतने के बाद, मनीष ने पेरिस में भी अपनी काबिलियत साबित की।

अवनी लेखरा: लगातार स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला

अवनी लेखरा ने पेरिस पैरालंपिक्स 2024 में 10 मीटर एयर राइफल (SH1) इवेंट में स्वर्ण पदक जीता और इसी के साथ वह लगातार दो पैरालंपिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं। 22 साल की अवनी ने 249.7 का शानदार स्कोर बनाकर अपना ही पिछला पैरालंपिक रिकॉर्ड तोड़ दिया।

मोना अग्रवाल: भारत की नई उम्मीद

मोना अग्रवाल ने भी 10 मीटर एयर राइफल (SH1) इवेंट में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। यह एक ऐतिहासिक पल था जब भारत ने एक ही इवेंट में दो पदक जीते। मोना का सफर भी अवनी के समान ही प्रेरणादायक रहा है, और उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से सबका दिल जीत लिया।

पेरिस पैरालंपिक्स 2024: एक नया अध्याय

पेरिस पैरालंपिक्स 2024 न सिर्फ खेल का एक महोत्सव है, बल्कि यह मानव आत्मा की अटूट शक्ति और संकल्प का भी प्रतीक है। पेरिस का ऐतिहासिक महत्व और उसकी खूबसूरत वास्तुकला इस आयोजन को और भी खास बनाते हैं। पैरालंपिक्स का महत्व सिर्फ पदक जीतने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक संदेश है कि इंसानी इच्छाशक्ति से बड़ी कोई चुनौती नहीं होती।

पेरिस: एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

पेरिस, जो अपनी कला, संस्कृति और फैशन के लिए प्रसिद्ध है, अब एक और पहचान जोड़ने जा रहा है—खेलों के माध्यम से समर्पण और दृढ़ता की मिसाल। पैरालंपिक 2024 में, पेरिस एक ऐसे मेजबान के रूप में उभरेगा, जो न सिर्फ खेलों को बढ़ावा देगा, बल्कि उन खिलाड़ियों की कहानियों को भी सामने लाएगा, जिन्होंने अपने जीवन की कठिनाइयों को पार कर के खेल के मैदान में कदम रखा है। पेरिस का ऐतिहासिक महत्त्व और इसकी खूबसूरत वास्तुकला इस आयोजन को और भी खास बनाएगी।

खेलों में शामिल इवेंट्स

इस बार पैरालंपिक खेलों में कुल 22 खेल शामिल होंगे, जिनमें एथलेटिक्स, तैराकी, व्हीलचेयर बास्केटबॉल, साइक्लिंग, तीरंदाजी, और टेबल टेनिस जैसे प्रमुख खेल हैं। इन खेलों में भारतीय खिलाड़ियों की भी भागीदारी होगी, जिनसे देश को बड़ी उम्मीदें हैं। इस बार एक नया खेल पैरा-बैडमिंटन भी पहली बार शामिल किया गया है, जो भारतीय दर्शकों के लिए खास आकर्षण रहेगा।

तकनीकी इनोवेशन और व्यवस्थाएँ

इस बार पेरिस पैरालंपिक में खेलों के आयोजन को और भी सुविधाजनक और समावेशी बनाने के लिए कई तकनीकी इनोवेशन किए जा रहे हैं। खेल स्थलों को पूरी तरह से व्हीलचेयर के अनुकूल बनाया गया है, और विशेष तकनीक का उपयोग करके दृष्टिबाधित खिलाड़ियों के लिए भी खास इंतजाम किए गए हैं। पेरिस की ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम को भी पूरी तरह से समावेशी बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि खिलाड़ियों और दर्शकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

पैरालंपिक का महत्व

पैरालंपिक खेल सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं हैं, ये एक आंदोलन है जो बताता है कि इंसान की इच्छाशक्ति से बड़ी कोई चुनौती नहीं होती। यह उन लोगों के लिए आशा की किरण है, जो अपनी शारीरिक सीमाओं को चुनौती देकर सफलता की नई परिभाषा लिखते हैं। इन खेलों का एक और उद्देश्य समाज में विकलांगता को लेकर जागरूकता फैलाना और समावेशिता को बढ़ावा देना है। यह आयोजन दुनिया को यह संदेश देता है कि खेल सभी के लिए हैं, चाहे उनकी शारीरिक स्थिति कैसी भी हो।

दर्शकों की भूमिका और समर्थन

पैरालंपिक खेलों में दर्शकों की भूमिका भी बेहद महत्वपूर्ण होती है। उनका समर्थन और प्रोत्साहन खिलाड़ियों के लिए बहुत मायने रखता है। पेरिस 2024 में, दुनियाभर से आए दर्शक इन खिलाड़ियों की हौसलाअफ़जाई करेंगे, जिससे उनके प्रदर्शन में निखार आएगा। इसके अलावा, सोशल मीडिया के माध्यम से भी दर्शक अपने पसंदीदा खिलाड़ियों के साथ जुड़े रह सकते हैं और उन्हें लगातार प्रोत्साहित कर सकते हैं।

 Also read क्या है Reborn dolls? लोग खरीद रहे हैं नकली बच्चे।

Exit mobile version